लेखनी प्रतियोगिता– मां - एक देवी मां -12-May-2024
मां - एक देवी मां
मां तू एक संसार है
मां तू ममता का सागर है
तू है तो घर स्वर्ग है
तेरे बिना मैं अधूरा हुं
तू प्रेम का दरिया है
तू जीवन का मायना है
तू पूरे घर कि धूरी है
तेरे आंचल में छुपना याद है
मांगे मनवाने का तू सहारा है
तू सपनों का संसार है
तेरी जादू कि झप्पी ईलाज है
तू दर्द का मलहम है
आज भी तरसता तेरी गोदी को मैं
गोदी कि जन्नत पाने को आतुर हूं
देवी को प्रत्यक्ष नहीं देखा
तू ही देवी की प्रतिरूप है
तू ही जीवन कि नाव खिवयया है
मां तू ममता का सागर है
मां तू ही पूर्ण संसार है
मां तू प्रकाश पुंज है।।
विजय पोखरणा "यस"
Gunjan Kamal
03-Jun-2024 04:56 PM
👏🏻👌🏻
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